मुश्किल सफर - Motivational Story
दोस्तों कहते हैं की सफर चाहे कितना भी मुस्किल हो सफलता हमेशा मिलती है भले ही रास्ते की दूरी बहुत ज्यादा हो !
दोस्तों आज हम इसी तरह की एक कहानी पढ़ने जा रहे हैं जिसमे एक महिला अपने मुस्किल हालातों मे अपनी ज़िंदगी काटने के लिए क्या सफर करती है |
दोस्तों आज हम इसी तरह की एक कहानी पढ़ने जा रहे हैं जिसमे एक महिला अपने मुस्किल हालातों मे अपनी ज़िंदगी काटने के लिए क्या सफर करती है |
एक शहर मे मनीष नाम का एक लड़का रहता था वह एक कारखाने मे सिलाई का काम करता था कुछ साल बाद उसकी शादी हो गई उनकी पत्नी का नाम शालू था उनको भी सिलाई का काम आता था | कुछ साल बाद मनीष और शालू मम्मी पापा बन गए उनके तीन बच्चे थे |
मनीष और शालू बहुत गरीब थे | वो घर का गुजारा बहुत मुश्किल से करते थे |
कुछ साल बाद मनीष को शराब की लत लग गई वह इतना शराब पीने लगा की उसको होश भी नहीं रहता था की वह अभी कहाँ है किस हाल मे है |
कई बार वह लोगों के साथ मार पीट कर लेता और जेल की हवा खाता |
Motivational Story |
मनीष और शालू बहुत गरीब थे | वो घर का गुजारा बहुत मुश्किल से करते थे |
कुछ साल बाद मनीष को शराब की लत लग गई वह इतना शराब पीने लगा की उसको होश भी नहीं रहता था की वह अभी कहाँ है किस हाल मे है |
कई बार वह लोगों के साथ मार पीट कर लेता और जेल की हवा खाता |
जेल |
कुछ दिन बाद मनीष का Accsident हो गया और शालू विधवा हो गई और घर का गुजारा नहीं हो पा रहा था इसलिए शालू परेशान हो गई उनके एक पड़ोसी ने उनकी बहुत मदद की उनको भर पेट खाना खिलाते |
पड़ोसी ने शालू को सिलाई का काम करने का सुझाव दिया | पड़ोसी के पास एक छोटा सा बंद पड़ा दुकान था
पड़ोसी ने वह दुकान शालू को दे दिया | शालू और पैसे मँगने के लिए अपने भाई के पास गई उन्होंने शालू को पैसे दिए जिससे शालू सिलाई मशीन और बाकी समान खरीद सके | शालू ने अपने भाई को कहा की वह सारे पैसे ब्याज सहित चुकाने का वादा किया |
पड़ोसी ने वह दुकान शालू को दे दिया | शालू और पैसे मँगने के लिए अपने भाई के पास गई उन्होंने शालू को पैसे दिए जिससे शालू सिलाई मशीन और बाकी समान खरीद सके | शालू ने अपने भाई को कहा की वह सारे पैसे ब्याज सहित चुकाने का वादा किया |
शालू ने सिलाई के दुकान को स्टार्ट किया जैसे की - फटे पुराने कपड़े , कपड़ों पे बटन , कपड़ों को fit करना आदि काम करने लगी | शालू की दुकान 1 हफ्ते मे ज्यादा नहीं चल रहा था उसके दूसरे हफ्ते मे ईश्वर ने चमत्कार कर दिया इतने ज्यादा ग्राहक आने लगे की उनका दुकान कभी खाली नहीं रहता था |
धीरे धीरे भी उनके बच्चे भी काम करने लगे जिससे शालू ने जीतने पैसे अपने भाई से लिए थे उनको ब्याज सहित चुका दिया |
इस तरह से ज़िंदगी का सफर कठिन होने के बावजूद वह उस रास्ते पे सफर कर पाई और अपने ज़िंदगी को साकार किया |
धीरे धीरे भी उनके बच्चे भी काम करने लगे जिससे शालू ने जीतने पैसे अपने भाई से लिए थे उनको ब्याज सहित चुका दिया |
इस तरह से ज़िंदगी का सफर कठिन होने के बावजूद वह उस रास्ते पे सफर कर पाई और अपने ज़िंदगी को साकार किया |
दोस्तों ये story कैसे लगी comment करके जरूर बताए
और ऐसे कहानी और पढ़ने के लिए Blog पे बने रहिए |
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