Sad Poem In Hindi



अजीब फलसफा है इश्क का यारो मैंने हर बार इसे मरते देखा है ।
जब प्यार होता है तो सब सपना सा लगता है
कोई भी लव सोंग हो अपना सा लगता है
फिर वही प्यार जिसे दुआओ में मांगा था
जिसके साथ जीने मारने कि कसमें खाई थी
अचानक से उनसे नफ़रत होने लगती है
प्यार नाम कि चिड़िया किसी और डाल पे दाना चुगने लगती है
इस फेक इश्क़ को मैंने हर बार किसी नाले में सड़ते देखा है
अजीब फलसफा है इश्क़ का यारो मैंने हर बार इसे मरते देखा है
पहले तो प्यार में हर कोई कुछ अलग सा लगता है
दुनिया में उन सा कोई नहीं ये बात भी सच सा लगता है
फिर क्यों बेवफा हो जाते है वो जो प्यार था दिल का
किसी और को वो हमदर्द बना लेते है जो कभी यार था दिल का
इस दिल की बातो को हर बार मैंने खुद से सवाल करते देखा है
अजीब फलसफा है इश्क़ का यारो इसमें मैंने सच्चे आशिक़ को मरते देखा है ...
उन्हें मेरा प्यार झूठा लगा इसमें उनकी कोई गलती नहीं
मैं तो आज भी उनकी तस्वीर देख के रोता हूं
पर इससे भी दिल को सुकून मिलती नहीं
सोचता हूं कि एक बार वो आके रो ले मेरे साथ
वो कहे कि मुझे माफ़ कर दो और थाम लो मेरा हाथ
लेकिन जनता ही ऐसा अब कभी नहीं होगा
जो कभी प्यार था मेरा आज किसी और के साथ दिल लगा रहा होगा
पर अब कोई फर्क नहीं पड़ता वो आए या ना आए
बस इंतजार है उस पल का जब उसे ऐहसास हो कि मेरा होना क्या था और ना होना क्या है
हां मैंने इस प्यार में लोगो को बेनकाब होते देखा है
अजीब फलसफा है इश्क़ का यारो मैंने इसमें लोगो को खुद की खुशी खोते देखा है